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New Income Tax Bill 2025: मोदी सरकार के पास आज एक अहम फैसला लेने का मौका है और नए आयकर विधेयक को मंजूरी मिल सकती है।

New Income Tax Bill 2025

New Income Tax Bill 2025:
 
मोदी सरकार के पास आज इस विधेयक को लेकर अहम फैसला लेने का मौका है।


 नया आयकर विधेयक 2025: मोदी सरकार के पास आज इस विधेयक को लेकर अहम फैसला लेने का मौका है। अफवाहों के मुताबिक, इस कानून को कैबिनेट में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस उपाय का उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना और कर प्रणाली को सुव्यवस्थित करना है।


 नया आयकर विधेयक 2025: आज लिया जा सकता है अहम फैसला

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार जल्द ही संशोधित आयकर विधेयक को अपना सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कानून को आज कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है। इंडिया टुडे ने बताया कि कैबिनेट आज नए आयकर विधेयक या नए प्रत्यक्ष कर संहिता को मंजूरी दे सकती है। केंद्रीय बजट 2025 की घोषणा के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार एक नया आयकर विधेयक लाएगी जो करदाताओं के लिए करों का भुगतान आसान बनाएगा।


 

नए विधेयक से 1961 के आयकर अधिनियम की जगह ली जाएगी।

इस नए उपाय से 1961 के मौजूदा आयकर अधिनियम की जगह ली जाएगी, जिसका उद्देश्य कर कानूनों को सरल और स्पष्ट करना है। करदाताओं के लिए सरकार कर प्रक्रिया को और अधिक सरल और आसान बनाना चाहती है। इस उपाय में शब्दावली को सरल बनाने और कर ढांचे को सुव्यवस्थित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।


करदाताओं को राहत मिलेगी।

बजट 2025-2026 की घोषणा के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नया आयकर विधेयक सरल और अधिक पारदर्शी होगा, जिससे करदाताओं के अनुभव में सुधार होगा। उन्होंने दावा किया कि इस कानून को पारित करके सरकार कर सुधारों में तेजी लाने और करदाताओं को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है।


क्या संभावित परिवर्तन हो सकते हैं?

यह अनुमान लगाया गया है कि यह नया आयकर विधेयक कर छूट सीमा का विस्तार करेगा, कई कर बैंड को सुव्यवस्थित करेगा और संभावित रूप से कर दरों में बदलाव करेगा। इसमें कई ऐसे खंड भी शामिल हो सकते हैं जो कर अनुपालन को सुविधाजनक बनाते हैं और डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करते हैं।


विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा और अगर कैबिनेट अपनी सहमति देती है तो इसे कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की अनुमति की आवश्यकता होगी। कर पेशेवरों का मानना ​​है कि इस विधेयक के लागू होने से करदाताओं को बहुत लाभ होगा और भारत की कर प्रणाली अधिक कुशल और समकालीन बनेगी।


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