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Bangladeshi Hakim: बिहार में आकर 'नवाब' बन गया; शादी की और ससुर को पिता घोषित किया; आधार और वोटर कार्ड बनवाया


Bangladeshi Hakim:
  बिहार में आकर छिपकर रहने लगा। पकड़े जाने के बाद उसने अपनी पहचान और पता भी बदल लिया और तब से उसने कई स्वीकारोक्ति की हैं।


Bangladeshi Hakim:  घुसपैठिए बिहार के सीमांचल क्षेत्र में आकर छिपकर रहते हैं। यह दावा हाल ही में संसद में दोहराया गया, जहां इसने बिहार में राजनीतिक बहस को भी हवा दी। कुछ दिनों बाद, एक ऐसा मामला सामने आया जो चर्चा में है। बिहार में कई सालों से छिपकर रह रहे बांग्लादेश के एक मूल निवासी को अररिया पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह बिहार आया, शादी की और एक बेटी का पिता बना। इतना ही नहीं, उसका पहचान पत्र भी यहां गलत तरीके से बनाया गया था। उसके पास भारतीय मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड भी है। पूछताछ के दौरान उसने कई चौंकाने वाली बातें बताई हैं।


अररिया में गुप्त रूप से रह रहा था बांग्लादेशी

अररिया नगर थाना क्षेत्र के रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के मरंगी टोला वार्ड संख्या 11 में पिछले कुछ वर्षों से बांग्लादेशी नागरिक गुप्त रूप से रह रहा था। पासपोर्ट से संबंधित कार्य के लिए जब वह नगर थाना पहुंचा तो यह बात सामने आई। पुलिस ने मुखिया से लेटर पैड पर लिखवाकर लाने को कहा कि वह उसी पंचायत में रहता है। मुखिया से मिलने पर मुखिया को संदेह हुआ कि वह पंचायत का निवासी नहीं है। जैसे-जैसे मुखिया ने गहराई से छानबीन की, सारी बातें परत-दर-परत सामने आने लगीं। पूछताछ में पता चला कि वह बांग्लादेशी नागरिक है और छह वर्षों से कटिहार और अररिया में गुप्त रूप से रह रहा था।


 

एक बांग्लादेशी फर्जी पहचान पत्र और नाम बदलकर रह रहा था।

बांग्लादेशी नागरिक के पास जो भारतीय पहचान पत्र है, वह भी फर्जी तरीके से बनवाया गया था। फाइल में उसका नाम नवाब दर्ज है। जेल जाने पर उसने पुलिस के समक्ष कई और राज उगले। नगर थाने में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एएसपी सह एसडीपीओ रामपुकार सिंह ने बताया कि हिरासत में लिया गया 24 वर्षीय युवक नवाब नगर थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 11, मरंगी टोला, रामपुर कोदरकट्टी पंचायत में फर्जी नाम से रह रहा था। हकीम पिता अंसार अली उसका असली नाम है। वह बांग्लादेश के देवी नगर गांव में रहता है, जो थाना व जिला चपई नवाबगंज के अंतर्गत आता है। वार्ड संख्या 07 उसका है।


बिहार आकर शादी की और ससुर को पिता बताया

पुलिस को बांग्लादेशी नागरिक ने बताया है कि तीन साल पहले वह बिहार आया और रामपुर कोदरकट्टी मरंगी टोला में रंगीला खातून पिता मुश्ताक अहमद से शादी की। वह यहां बांग्लादेश का बताकर रह रहा था। अपने चचेरे ससुर सुभान (पत्नी के चाचा) को अपना पिता बनाकर उसे अवैध भारतीय बताकर उसका वोटर कार्ड व आधार कार्ड बनवा लिया। पुलिस आगे की कार्रवाई भी कर रही है।


चौंकाने वाली खोजों के बाद, वे जल्दी से सीमा पार कर जाते हैं

हालांकि, बिहार में फर्जी पहचान के साथ रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक ने बताया कि उसने एक व्यक्ति को 500 से 1000 रुपये का भुगतान किया, जिसने नदी के गेट के पास बिना किसी कठिनाई के उसे सीमा पार करने में मदद की। उसने कहा कि कुछ दिन पहले, वह बांग्लादेश भी गया था और अपनी माँ से मिलने के बाद वापस लौटा था। ग्रामीणों के अनुसार, उसका मतदान केंद्र नंबर 271 है। पुलिस पूरी स्थिति की जांच कर रही है।


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